हमीनस्तो (Haminastu).
सहूलियत से जो जाये वोह मोहब्बत नही सौदा होता है। मुझे मालुम था उनसे मोहोब्बत मेरी आखरी मंजिल होगी। हमने फिर भी की। उनके हाथ में खंजर था तोह मेरे सीने में भी दिल था। उन्होंने धीरें धीरें वोह खंजर मेरे दिल में उतार दिया, नसें फट गयी मेरी। मरते मरते उनकी बाहों में जा गिरा मैं और मेरे ख़ून की आखरी बूँदें कागज़ पे जा गिरी। और मेरे आखरी खयाल शक्ल लेने लगे। लिखा था : गर फिरदौस रूहे ज़मीं अस्त हमीनस्तो, हमीनस्तो। मेरी जान रूह दिल से बा-बशत हमीनस्तो, हमीनस्तो हमीनस्तो।